‘रेवड़ी कल्चर’ पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने अहम फैसला लिया है। कोरोना काल से मुफ्त में मिल रहा राशन(चावल और गेहूं ) राशन कार्ड धारकों को नहीं दिया जाएगा। अंत्योदय और खाद्य सुरक्षा कार्ड धारकों को फ्री में मिलने वाला राशन अब बंद कर दिया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत मिलने वाले गेहूं और चावल के लिए अब कार्डधारकों को कीमत चुकानी होगी। इसके लिए गेहूं-चावल के दाम तय कर दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के जिला पूर्ति अधिकारी की ओर से सरकारी सस्ते बिक्रेताओं को लेटर जारी किया गया है, जिसमें मुफ्त मिलने वाली राशन स्कीम बंद करने का ऐलान किया गया है। गेहूं चावल अब उन्हें पुराने दाम यानी 2 रुपये किलो गेहूं और 3 रुपये किलो की दर से चावल दिया जाएगा
वहीं सरकार ने ऐलान किया है कि जून महीने का आयोडीन नमक, साबुत चना और रिफाइंड तेल मुफ्त दिया जाएगा, जो स्कीम के तहत नहीं बंट पाया था। अंत्योदय और पात्र गृहस्थी दोनों तरह के कार्डधारकों के लिए ये व्यवस्था लागू हुई है। हालांकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सितंबर माह तक गरीबों को मुफ्त राशन मिलता रहेगा। वहीं, 25 से 31 अगस्त तक खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जुलाई माह का राशन वितरण होना है। इसमें अंत्योदय कार्ड धारकों को 14 किलोग्राम गेहूं व 21 किलोग्राम चावल कुल 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति राशन कार्ड धारकों को मिलता है।
ज्ञात होगा कि पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को दो किलो गेहूं, तीन किलो चावल खाद्यान्न प्रति यूनिट दिया जाता है। कोरोना संक्रमण के चलते अब तक यह राशन मुफ्त मिल रहा था। वाराणसी में अपर जिलाधिकारी (नागरिक आपूर्ति) जवाहर लाल श्रीवास्तव ने बुधवार को बताया कि 25 से 31 अगस्त तक दुकानों से जून की आयोडाइज्ड नमक, रिफाइंड ऑयल और चना का वितरण होगा।
उन्होंने कहा कि आयोडीन नमक, साबुत चना और रिफाइंड तेल निःशुल्क मिलेंगी। इसके साथ ही जुलाई महीने का गेहूं और चावल निर्धारित कीमत पर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राशन वितरण की तैयारियां शुरू हो गई हैं।