Mai Gaon Se Hun: वृक्षारोपण करना हरेला में पौधे रोपना आम बात है, लेकिन आज हम आपको ऐसे गांव के बारे में बता रहे हैं, जहां के ग्रामिणों ने पूरा जंगल ही खड़ा कर दिया।
यह उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जनपद के जौनपुर विकास खण्ड, नैनबाग तहसील की कोट-श्रीकोट ग्राम पंचायत है। यहां के ग्रामीणों ने जलागम विभाग के साथ मिलकर अपने गांव के नजदीकी बंजर पड़े जंगल को पनपाने के लिए जंगल में घेरबाड़,जल संरक्षण किया और चौकीदार तैनात कर झाड़ियों की सुरक्षा कर आज घना जंगल आबाद कर दिया है।
पंचायतों की योजनाओं में घपले-घोटाले होना आम बात है। पंचायतों को जारी बजट का अधिकांश हिस्सा भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों की जेब में जाता है। लेकिन ऐसे भी कई लोग हैं जो इस अंधेरे में भी दिया जलाते हैं।
जिला पंचायत सदस्य बिष्टौंसी, सदस्य जिला नियोजन समिति, अमेंद्र बिष्ट ने जब इस जंगल को देखा तो वे गदगद हो गए। उन्होंने जंगल देखकर कहा कि सरकार की योजनाएं धरातल पर तभी साकार हो सकती है जब गांव के लोगों की उसमें रूची हो और गांव के लोगों को अगर लगता है की यह काम हो सकता है तो कोई भी काम कठिन नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि यह जंगल अन्य गांव और जनप्रतिनिधियों के लिए एक मिसाल है।
गांवों में ऐसी पहल बेमिसाल है। जल, जंगल और जमीन से जुड़ी योजनाएं ही हमारे राज्य में पलायन को रोकने का आधार बन पाएगी।