GLOBAL SUMMIT: राजस्थान के आबू रोड स्थित 10 से 14 सितंबर तक चलने वाले वैश्विक सेमिनार ( GLOBAL SUMMIT ) में उत्तराखंड प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे गंगोत्री विधायक सुरेश सिंह चौहान को ( विश्व शांति का अग्रदूत भारत ) पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सुरेश चौहान ने विभिन्न देशों से आए ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के अनुयायियों से मिलकर चर्चा की और प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के बारे में विस्तार से जानाऔर संस्था में मातृशक्तियो की भागीदारी को सराहा।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एक आध्यात्मिक संस्था है। इसकी विश्व के 137 देशों में 8,500 से अधिक शाखाएँ हैं। इस संस्था का बिजारोपण 1930 के दशक में अविभाजित भारत के सिन्ध प्रान्त के हैदराबाद नगर में हुआ। लेखराज कृपलानी इसके संस्थापक थे। इस संस्था में स्त्रियों की महती भूमिका है। दादा लेखराज अविभाजित भारत में हीरों के व्यापारी थे। वे बाल्यकाल से ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे। 60 वर्ष की आयु में उन्हें परमात्मा के सत्यस्वरूप को पहचानने की दिव्य अनुभूति हुई।
उन्हें ईश्वर की सर्वोच्च सत्ता के प्रति खिंचाव महसूस हुआ। इसी काल में उन्हें ज्योति स्वरूप निराकार परमपिता शिव का साक्षात्कार हुआ। इसके बाद धीरे-धीरे उनका मन मानव कल्याण की ओर प्रवृत्त होने लगा। उन्हें सांसारिक बंधनों से मुक्त होने और परमात्मा का मानवरूपी माध्यम बनने का निर्देश प्राप्त हुआ। उसी की प्रेरणा के फलस्वरूप सन् 1937 में उन्होंने इस विराट संगठन की छोटी-सी बुनियाद रखी। सन् 1937 में आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग की शिक्षा अनेकों तक पहुँचाने के लिए इसने एक संस्था का रूप धारण किया।
संस्था की स्थापना के लिए दादा लेखराज ने अपना विशाल कारोबार कलकत्ता में अपने साझेदार को सौंप दिया। फिर वे अपने जन्मस्थान हैदराबाद सिंध (वर्तमान पाकिस्तान) में लौट आए। यहाँ पर उन्होंने अपनी सारी चल-अचल संपत्ति इस संस्था के नाम कर दी। प्रारंभ में इस संस्था में केवल महिलाएँ ही थी। ब्रह्मकुमारी की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी का 104 वर्ष की उम्र में माउण्ट आबू के ग्लोबल हास्पिटल में 27 मार्च 2020 शुक्रवार को तड़के 2 बजे देहावसान हो गया बाद में दादा लेखराज को ‘प्रजापिता ब्रह्मा’ नाम दिया गया। जो लोग आध्यात्मिक शांति को पाने के लिए ‘प्रजापिता ब्रह्मा’ द्वारा उच्चारित सिद्धांतो पर चले, वे ब्रह्मकुमार और ब्रह्मकुमारी कहलाए तथा इस शैक्षणिक संस्था को ‘प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय’ नाम दिया गया। इस विश्वविद्यालय की शिक्षाओं (उपाधियों) को वैश्विक स्वीकृति और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है।
इस मौके पर पूर्व ब्लाक प्रमुख एवं जिला पंचायत सदस्य चंदन पंवार जी, भट्टवाडी ब्लाक प्रमुख श्रीमती विनीता रावत जी, डुंडा ब्लाक प्रमुख शैलेंद्र कोहली जी, पूर्व जिला संयोजक जगमोहन रावत जी उपस्थित रहे।