हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व को पहचानता है और युवा पीढ़ी को इसका अधिक बार उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। दुनिया भर में लगभग 120 मिलियन लोग दूसरी भाषा के रूप में हिंदी बोलते हैं, और 420 मिलियन से अधिक लोग इसे अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं।
क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस
14 सितंबर को हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेंद्र सिंह का जन्मदिन भी है। यह वजह भी है कि इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी को विशेष दर्जा दिलवाने में गोविंद दस, हजारीप्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर और मैथिलीशरण गुप्त का अहम योगदान रहा है। साल 1918 में महात्मा गांधी ने एक हिंदी साहित्य सम्मेलन के दौरान हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कहा था। बता दें, गांधी जी हिंदी को जनमानस की भाषा कहते थे. उनका हिंदी से खास लगाव था।
जानें हिंदी का इतिहास
देवनागरी लिपि में लिखी गई एक इंडो-आर्यन भाषा हिंदी को 1949 में संविधान सभा द्वारा भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई थी और घोषित किया गया था। यह भारतीय गणराज्य की 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक है। भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1949 से शुरू होकर हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का फैसला किया। और हिंदी साहित्य को मनाने के लिए देश भर में कई अन्य सांस्कृतिक उत्सव मनाए जाते हैं। हिंदी दिवस के अलावा, 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस भी मनाया जाता है, जो 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है, जिसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। यह पहली बार 2006 में पूर्व प्रधान मंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा दुनिया भर में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया गया था।
जानें क्या है महत्व
हिंदी साहित्य का सम्मान करने और हिंदी भाषा के प्रति सम्मान दिखाने के लिए इस दिन देश भर में कई सांस्कृतिक उत्सव आयोजित किए जाते हैं। हिंदी दिवस पर, मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों,राष्ट्रीय बैंकों और नागरिकों को हिंदी भाषा में उनके योगदान के लिए राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार जैसे पुरस्कार प्राप्त होते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू), विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, राष्ट्रीय बैंकों और व्यक्तियों को हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाज़ा जाता है।