केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया(Jyotiraditya Scindia) ने एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू देते हुए बताया कि सिंधिया परिवार का आज़ादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान(significant contribution in the freedom struggle) रहा। उन्होंने बताया कि “छत्रपति शिवाजी महाराज(Chhatrapati Shivaji Maharaj) ने पहली बार हिंदवी साम्राज्य का झंडा बुलंद किया था, और वो हिंदवी स्वराज का झंडा चाहे नौसेना की बात करे चाहे पैदल सेना की बात करे, उसके आधार पर भारत की एक विचारधारा, हिंदवी स्वराज के आधार पर स्थापित उन्होंने किया। मराठा साम्राज्य, जिसमे सिंधिया, होलकर, गायकवाड, पेशवा ये चार मुख्य परिवार थे जो छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ उस हिंदवी स्वराज की सोच के साथ आगे बढ़े।
महाराज @JM_Scindia जी ने स्वतंत्रता संग्राम में सिंधिया परिवार के योगदान पर सवाल उठाने वालों को दिया करारा जवाब.. ऐंकर की बोलती बंद pic.twitter.com/cPLP08gbzR
— Ankit Pandey (@AnkitPandeyIN) September 12, 2022
पानीपत की लड़ाई में सिंधिया परिवार की भूमिका
उन्होंने कहा “पानीपत की लड़ाई में विदेशी ताकतों के विरुद्ध 1761 में सिंधिया परिवार के 12 वीरों ने शहादत पाई थी और महंत जी महाराज, मेरे पूर्वज, उनका पैर कटा हुआ था और युद्ध भूमि में घायल होकर वह वहां रहे थे। उस युद्ध भूमि से उठकर एक पैर के साथ उन्होंने दोबारा अपने सेना तैनात की और उसमे सिंधिया परिवार की महारानियो का भी बहुत बड़ा योगदान रहा, चाहे वो गंगाबाई जी हो, चाहे वो ताराबाई जी हो, जिन्होंने अपने घर के जेवरात बेचे ताकि मराठा सेना दोबारा खड़ी हो सके।”