मानसून जाते-जाते पूरे प्रदेश में आफत की बारिश करते चला गया। यह बारिश प्रदेशभर में भारी नुकसान कर गई। सोमवार को भारी बारिश होने से श्रीकोट,जौनपुर में बरसाती गदेरे का जल स्तर बढ़ने से मत्स्यपालक यशपाल बिष्ट के मत्यपालन में पानी की सप्लाई बंद होने से पांच कुंटल से ज्यादा की मछलियां मर गई। तालाब में मछलियों के मरने की खबर सुनते ही यशपाल बिष्ट के होश उड़ गए।
कोरोना में कारोबार बंद होने के बाद लॉकडाउन में यशपाल बिष्ट अपने गांव टिहरी गढ़वाल, नैनबाग तहसील के श्रीकोट वापस आ गए थे। जहां उन्होंने मत्स्यपालन का प्रशिक्षण लिया और पिछले 2 सालों से कड़ी मेहनत के साथ मत्स्यपालन कर रहे थे। वहीं, उनके मत्स्यपालन को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आकर प्रशिक्षण भी ले रहे थे। बिष्ट का स्वरोजगार जौनपुर में सफल स्वरोजगार था। जिसकी चर्चा प्रदेशभर में हो रही थी।
2 साल बाद मछलियां तैयार हो गई थी जिसके बाद उन्हें कुछ दिनों के बाद विभाग को बेचना का काम शुरू होने वाला था लेकिन कुदरत का कहर ऐसा बरपा की पिछले 48 घंटों में हुई बारिश मत्स्यपालन के पास गदेरे का पानी उफान में आने से पानी की सफलाई टूट गई और सारी मछलियों ने दम तोड़ दिया। यशपाल बिष्ट को जब इसकी खबर पता चली तो वे दौड़ते-दौड़ते पहुंचे तो तब तक सारी मछलियां मर चुकी थी। मछलियों के मरने से यशपाल बिष्ट सदमें में हैं। उनका कहना है कि कोरना ने उनका पिछला कारोबार छीन लिया और इस बरसात ने उनका मत्स्यपालन।
उन्होंने आगे कहा कि दो साल बाद एक उम्मीद जगी थी की घर वापस आने से उनकी मेहनत रंग लाई लेकिन कुदरत ने फिर उनके साथ अन्याय कर दिया। वहीं सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार उपेंद्र राणा मौके पर पहुंच कर मामले की जांच की। उन्होंने कहा कि उक्त सूचना तहसीलदार के माध्यम से भेज दी गई है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मुवाअजे की मांग की है।