श्रीनगर: 28 जनवरी 2013 आपदा के 9 वर्ष बाद मां धारी देवी अपने मूल स्थापन पर विराजमान हुई। विराजमान होने के बाद इन दिनों सोशल मीडिया में धारी देवी की मूर्ति का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि 9 साल बाद धारी देवी की मूर्ति पुराने अस्थाई मंदिर से शिफ्ट की गई तो मां की आंखों से आंसू आने लगे। वीडियो को देख लोग खूब वायरल कर रहे हैं।
वीडियो की सच्चाई जानने के लिए मीडिया के लोगों ने मंदिर न्यास के सचिव जगदंबा प्रसाद पांडे से बात की। बातचीत में मंदिर न्यास के सचिव जगदंबा प्रसाद पांडे ने बताया 28 जनवरी को जब धारी देवी की मूर्ति को शिफ्ट किया गया तो उस दिन मां को स्वर्ण निर्मित मुकुट से सजाया गया था। मगर वायरल हो रहे वीडियो में चांदी का मुकुट दिखाई दे रहा है। उन्होंने बताया ये बहुत पुराना वीडियो है।
मंदिर न्यास के सचिव जगदंबा प्रसाद पांडे ने बताया मां भगवती का जो आसन है, वह खुले स्थान पर है। हो सकता है कि कभी बारिश गिर गई होगी तो स्वाभाविक है कि मां का जो तिलक है वह पानी की बूंदे से बह रहा हो। लेकिन जनता के हर्ष, खुशी से उनके आंसूं निकल रहे हैं।
मां के तिलक लगाने के बाद तिलक से पानी की बूंदें मूर्ती पर बहने लगी हो। लोगों को गलत जानकारी मिली है और वे वीडियो वायरल कर रहे हैं। उन्होंने कहा धारी देवी न्यास इस तरह के वीडियो का खंडन करता है। उन्होने आगे कहा की हो सकता है यह लोगों की धारी देवी के लिए आस्था है, हम उनकी आस्था के लिए ठेस नहीं पहुंचाना चाहते हैं।
बता दें 28 जनवरी को पौराणिक धारी देवी मंदिर की मूर्ति को पूरे 9 साल बाद विधि-विधान के साथ अस्थायी मंदिर से स्थायी मंदिर में शिफ्ट किया गया। मंदिर ट्रस्ट के पुजारियों ने सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर मूर्ति को अस्थायी मंदिर से उठा कर 8 बजकर 10 मिनट पर स्थिर लग्न में नए मंदिर में स्थापित किया। इस दिन मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 10 बजे बाद खोले गए।
इस दौरान मंदिर परिसर को 25 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। 28 जनवरी को धारी देवी में भक्तों का तांता लगा। सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा वीडियो इसी दिन का बताया जा रहा है, मगर मंदिर न्यास के सचिव ने इसका खंडन किया है।