सीबीआई ने दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया है। अरविंद केजरीवाल के बाद आम आदमी पार्टी में मनीष सिसोदिया ही सबसे ताकतवर नेता हैं। उनकी गिरफ्तारी के विरोध में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। मनीष सिसोदिया के गिरफ्तार होने के बाद सिसोदिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
उत्तर प्रदेश के आम परिवार में जन्मे सिसोदिया कभी पत्रकार थे। सिसोदिया पत्रकार से नेता कैसे बने? बचपन से लेकर अब तक वह कैसे अपनी जिंदगी में आगे बढ़े? कैसे उनकी मुलाकात अरविंद केजरीवाल से हुई और कैसे दोनों ने एक साथ मिलकर सियासी सफर की शुरुआत की? कैसे वह आप के दूसरे सबसे ताकतवर नेता बने? आइए जानते हैं…
हापुड़ में हुआ जन्म
मनीष सिसोदिया का जन्म पांच जनवरी 1972 को उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के फगौता गांव में हुआ। सिसोदिया के पिता एक पब्लिक स्कूल में शिक्षक थे। सिसोदिया की शुरुआती पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल से हुई। इसके बाद सिसोदिया दिल्ली आ गए और यहां उच्च शिक्षा हासिल की। उन्होंने 1993 में भारती विद्या भवन से पत्रकारिता में डिप्लोमा हासिल किया।
पत्रकारिता में रहे लंबे समय तक
पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद सिसोदिया पत्रकार बन गए। प्रिंट मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक में उन्होंने काम किया। सिसोदिया ने एफएम रेडिया में भी काम किया। 1996 से 2005 तक वह एक निजी न्यूज चैनल में रिपोर्टर थे। 2006 में उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी।
1998 में पहली बार केजरीवाल से मुलाकात
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की दोस्ती सालों पुरानी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 1998 में दोनों पहली बार मिले। तब अरविंद केजरीवाल आईआरएस ऑफिसर थे और झुग्गी झोपड़ी के लोगों के लिए समाजसेवा का काम करते थे। इस दौरान एक कार्यक्रम में सिसोदिया ने उनकी स्टोरी कवर की। यहीं से दोनों की दोस्ती शुरू हो गई। बाद में उन्होंने अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर ‘पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन’ की स्थापना की। दोनों ने फिर ‘परिवर्तन’ एनजीओ भी बनाया। एक इंटरव्यू में केजरीवाल ने बताया था कि उस दौरान सिसोदिया पहले से ही एक ‘कबीर’ नाम का एनजीओ चलाते थे। 2006 के बाद सिसोदिया ने नौकरी छोड़कर एनजीओ में ही पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया।
अन्ना आंदोलन में दिखाई सक्रियता
2011 में जनलोकपाल बिल को लेकर अन्ना हजारे ने जब आंदोलन किया तो अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने इसकी जिम्मेदारी संभाल ली। दुनियाभर में इसकी चर्चा हुई। इसके बाद दो अक्तूबर 2012 को अरविंद केजरीवाल ने अन्ना हजारे से अलग होकर एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने का एलान कर दिया। सिसोदिया भी इसमें शामिल हो गए। 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव हुए और मनीष सिसोदिया ने पटपड़गंज विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उन्होंने भाजपा के नकुल भारद्वाज को हराया था। 2015 के में भी सिसोदिया को पटपड़गंज से जीत मिली थी। उन्होंने विनोद कुमार बिन्नी को मात दी थी। इस जीत के बाद केजरीवाल सीएम और सिसोदिया डिप्टी सीएम बने थे। 2020 के विधानसभा चुनाव में सिसोदिया ने पटपड़गंज से बीजेपी उम्मीदवार रविंदर सिंह नेगी को तीन हजार वोटों से हराया था। सिसोदिया के पास सर्विस, महिला और बाल विकास, कला, संस्कृति, एजुकेशन, फाइनेंस, योजना, भूमि और भवन, विजिलेंस जैसे विभाग हैं।
सिसोदिया पर लग चुके हैं ये आरोप
17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई शराब नीति में घोटाले का आरोप है। इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया खुद फंसे हुए हैं। उनके घर सीबीआई का छापा भी पड़ चुका है। रविवार को भी उनसे लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
जासूसी कांड में भी फंसे हैं मनीष सिसोदिया
2015 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी और अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने तो दिल्ली सरकार ने एक फीडबैक यूनिट (एफबीयू) बनाई। इसका काम विभागों, संस्थानों, स्वतंत्र संस्थानों की निगरानी करना था और यहां के कामकाज पर प्रभावी फीडबैक देना था, ताकि इस आधार पर जरूरी सुधारों का एक्शन लिया जा सके। लेकिन आरोप है कि दिल्ली सरकार के इशारे पर इस फीडबैक यूनिट ने विपक्षी दलों के नेताओं की जासूसी करनी शुरू कर दी। कई नेताओं के कामकाज पर नजर रखी जाने लगी।
2016 में विजिलेंस डिपार्टमेंट में काम कर रहे एक अफसर ने इसकी शिकायत सीबीआई से की। इसके बाद गुप्त तरीके से सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू कर दी। 12 जनवरी 2023 को सीबीआई ने विजिलेंस डिपार्टमेंट में रिपोर्ट दाखिल की। एजेंसी ने उप-राज्यपाल वीके सक्सेना से दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। सीबीआई ने 2016 में विजिलेंस डायरेक्टर रहे सुकेश कुमार जैन और कई अन्य पर केस दर्ज करने की इजाजत मांगी है। सूत्रों के मुताबिक उपराज्यपाल सक्सेना ने अब इस मामले को राष्ट्रपति के पास भेज दिया है।