देहरादूनः पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज द्वारा निदेशालय पंचायतीराज में वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक की गयी। पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज द्वारा पंचायतों में निर्मित किये जा रहे पंचायत भवनों में बिजली, पानी, इंटरनेट कनेक्टिविटी एवं इंडियन के साथ-साथ पश्चिमी शैली में शौचालय निर्मित करने के निर्देश दिए। साथ ही ऐसी तकनीक विकसित करने हेतु कहा गया जिससे निदेशालय स्तर के अधिकारी समस्त ग्राम पंचायतों से संपर्क स्थापित कर सकें।
महाराज ने कड़े शब्दों में निर्देशित किया कि त्रिस्तरीय पंचायतों में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा जिन भी स्थानों में भ्रष्टाचार आदि की शिकायत मिलती है तो सम्बन्धित के खिलाफ एफ0आई0आर0 दर्ज की जाएगी। उन्होने स्पष्ट किया कि बिना उनकी अनुमति के पंचायतीराज विभाग एवं ग्राम्य विकास विभाग का फंग्शनल मर्जर नहीं किया जाएगा।
महाराज ने यह भी कहा कि विभाग में किसी भी कर्मचारी के पास कोई पटल 03 वर्ष से अधिक समय तक नहीं रखा जाएगा एवं जिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर दोहरा चार्ज हो तो वह भी उनके संज्ञान में लाया जाये। उन्होने जनपदों में तैनात डाटा एण्ट्री ऑपरेटर, ब्लॉक कॉर्डिनेटर आदि पद जिनमें ऑउटसोर्स के माध्यम से कर्मचारी तैनात है के मानदेय के सम्बन्ध में सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
पंचायत मंत्री ने कहा कि वर्तमान में अन्य विभागों में धारा 27 के अन्तर्गत स्थानानान्तरण की कार्यवाही की जा रही है इस सम्बन्ध में पंचायतीराज विभाग से शीघ्र प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जाये। उन्होने अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि इस साल वर्षा कम होने के फलस्परूप ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की भारी किल्लत होने की संभावना है इसलिए इससे निपटने के लिए समस्त जनपदों के अधिकारियों को सचेत रहने एवं पानी की कमी से निपटने हेतु पूर्व निर्धारित तैयारी करते हुए जल जीवन मिशन के अधिकारियों के साथ बैठक की जाये।
पंचायत मंत्री महाराज ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आय के स्रोत बढाये जाने के लिए ऐसे धार्मिक स्थलों जहां पर पर्यटकों की आवाजाही ज्यादा रहती है वहां पर होम स्टे का निर्माण किया जाना चाहिए। बैठक में पंचायतीराज विभाग के अपर सचिव ओमकार सिंह, संयुक्त सचिव डी०एस० राणा, निदेशक आनन्द स्वरूप, संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी, उप निदेशक मनोज कुमार तिवारी व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।