उत्तराखंड में ‘उड़न गर्ल’ से पहचान कायम कर चुकी मानसी नेगी(Manshi Negi) ने एक बार फिर गोल्ड मेडल जीता(Manshi Negi Won Gold Medal) है। मानसी ने 82वीं ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स मीट 2023(All India Inter University Athletics Meet) में 20 किमी रेस वॉक में गोल्ड मेडल जीता है।
मानसी राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश के लिए कई गोल्ड मेडल ला चुकी है। लेकिन सरकार ने उसे बदले में क्या दिया? दो लाख। वह भी सीएम धामी ने दिए हैं। प्रदेश सरकार को लगा कि अब उसने मानसी की बड़ी मदद कर दी। जबकि हर दो महीने में मानसी के शूज (स्पाइक) टूट जाते हैं। यह शूज 15 से 20 हजार रुपये के आते हैं। इसके अलावा डाइट और प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए अन्य खर्चे भी होते हैं।
मानसी नेगी चमोली जिले की बेहद साधारण घर से है। उसके पिता नहीं है और मां गांव में रहती है। भाई गौरव भी अभी कोई काम नहीं करता। मानसी की मदद के लिए सीआईएमएस के चेयरमैन ललित जोशी(CIMS Chairman Lalit Joshi) आए और पीजा इटालिया(Pizza Italia) की शिल्पा भट्ट बहुगुणा(Shilpa Bhatt Bahuguna) ने उसको अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया। शिल्पा ने उसके शूज को स्पांसर्ड किया है। पहाड़ की एक बेटी ने दूसरी बेटी का दर्द समझा और उसकी मदद के लिए हाथ बढ़ाए, लेकिन सरकार ने क्या किया? सीएम ने दो लाख दिए और अपना प्रचार कर दिया। डीजीपी अशोक कुमार(DGP Ashok Kumar) ने तो फ्री में ही वाहवाही बटोर दी।
मानसी को एक अदद सरकारी नौकरी की जरूरत थी। लेकिन वह नौकरी तो हाकम और उसके हाकिम ने बेच खाई है। स्पोर्ट्स कोटे से भर्ती वर्षों से रुकी हैं। सीएम धामी और खेल मंत्री रेखा आर्य(Rekha Arya) भले ही लाख दावे करें कि नई खेल नीति बना दी है। खिलाड़ियों का भत्ता बढ़ा दिया। अवसर बढ़ा दिए। खिलाड़ियों को सही मंच और उनके जीवन यापन के लिए क्या किया? जीरो। जब खिलाड़ियों को नौकरी नहीं दे रहे हो तो वह पलायन करेंगे ही। मानसी अभी बंगलुरू में नेशनल कैंप में है।
मानसी नेगी ने सीएम और डीजीपी से भी स्पोर्ट्स कोटे से भर्ती की बात की थी। लेकिन हमारी सरकार तो अवसरवादी हैं। यहां भला किसी की क्यों सुनी जाएगी? सच बात तो यह है कि सरकार अपने ही ‘खेल‘ में व्यस्त है। मानसी को एक अदद अच्छी नौकरी की दरकरार है ताकि वह प्रदेश और देश के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सके। प्रदेश के कितने ही अच्छे खिलाड़ी पलायन कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार के कान में जूं नहीं रेंग रही।
मानसी के अनुसार प्रदेश से निराश वह भी अब कई जगह नौकरी के प्रयास कर रही है। उम्मीद है कि जल्द उसे नौकरी मिल जाएगी। यदि मानसी को प्रदेश से बाहर नौकरी मिलती है तो सरकार को उसकी उपलब्धियों पर अपना गुणगान करने का कोई अधिकार नहीं होगा। मानसी को उसकी एक और उपलब्धि पर बधाई और उज्ज्वल भविष्य की कामना। भले ही उत्तराखंड को बेटी पर गर्व हो रहा हो, लेकिन यह बेटी जॉब मांग रही है। जिस पर सरकार को ध्यान देना होगा।
मानसी नेगी फेसबुक पोस्ट पर लिखती हैं, ‘दिल से आप सभी का धन्यवाद, शुभकामनाएं, समर्थन और बधाई, लेकिन मुझे उत्तराखंड में नौकरी की जरूरत है। मैंने हर बार साबित किया, लेकिन कोई खेल कोटा नहीं है। कोई नौकरी का अवसर खिलाड़ी के पास नहीं है।मानसी आगे लिखती हैं, ‘मैं अनुरोध करती हूं कि कृपया उत्तराखंड में खेल कोटे की नौकरी का अवसर दे। कई आने वाले युवा एथलीटों ने पोडियम जीतने में उत्तराखंड को गौरवान्वित किया है।’