प्रदेश में शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादलों में पारदर्शिता के लिए वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 बनाया गया था। इसे वर्ष 2018 में लागू किया गया।
उत्तराखंड में शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादलों के लिए तबादला एक्ट लागू होने के बाद पहली बार इस साल 10 साल से सुगम, दुर्गम में तैनात सभी शिक्षकों के तबादले होंगे। सरकार की ओर से शिक्षकों के तबादलों के लिए 10 प्रतिशत से अधिक तबादले न किए जाने का प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मुताबिक इस वर्ष जो तबादले होंगे नई तबादला नियमावली नहीं बल्कि तबादला एक्ट के तहत होंगे।
प्रदेश में शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादलों में पारदर्शिता के लिए वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 बनाया गया था। इसे वर्ष 2018 में लागू किया गया। इससे 15 से 20 साल से पहाड़ के दुर्गम और अति दुर्गम स्कूलों में तैनात शिक्षकों को सुगम क्षेत्र के स्कूलों में आने की आस जगी थी।
सरकार की ओर से तबादलों की जद में आने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों के अधिकतम 10 प्रतिशत से अधिक तबादले न किए जाने का प्रतिबंध लगा दिया गया। इससे कई शिक्षक पहाड़ से नहीं उतर पाए। प्रदेश में कोविड की वजह से भी वर्ष 2020-21 और 2021-22 में तबादला सत्र शून्य घोषित कर दिया गया।