Chandan Ram Das Passed Away: उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री चंदन राम(Chandan Ram Dass) आज निधन हो गया है। वे मंगलवार देर शाम बागेश्वर पहुंचे थे। बुधवार दिन में में उनकी अचानक तबियत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अन्न-फानन में बागेश्वर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास की तबीयत बिगड़ने के बाद बागेश्वर के जिला अस्पताल के ICU में भर्ती कराया था, लेकिन इलाज के दौरान उनका निधन हो गया, जिसके बाद कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा अपना कार्यक्रम छोड़ अस्पताल पहुंचे और डीएम, एसपी के साथ ही सभी अधिकारी अस्पताल पहुंच रहे हैं। मंत्री चंदन राम दास बागेश्वर से विधायक और धामी कैबिनेट में परिवहन मंत्री थे उनके निधन के बाद भाजपा सहित पूरे प्रदेश में शोक की लहर है।
राजकीय शोक :
दिवंगत कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास(Chandan Ram Dass) के निधन पर राज्य में 3 दिन का राजकीय शोक रहेगा, प्रदेश के सभी कार्यालय, बैंक, कोषागार, उप कोषागार बंद रहेंगे। प्रदेश में 26 अप्रैल से 28 अप्रैल तक राजकीय शोक रहेगा साथ ही प्रदेश के सभी जनपदों के सरकारी कार्यों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. बागेश्वर जनपद में अंत्येष्टि के दिन जनपद में प्रदेश सरकार के कार्यालय बंद रहेंगे और पुलिस सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा
लंबे समय से थे बीमार
उत्तराखंड के परिवहन मंत्री लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पिछले साल भी वो गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्टी करवाया गया था। इलाज के बाद वो स्वस्थ हो गए थे। परिवहन मंत्री कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे।
राजनीतिक सफर
परिवहन मंत्री चंदन राम दास को कद्दावर जनप्रतिनिधि के साथ ही संगठन में बेहतर तालमेल के लिए जाना जाता था। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत 1980 से हुई। 1997 में वो नगर पालिका बागेश्वर के निर्दलीय अध्यक्ष बने। इससे पहले वो एमबी डिग्री कालेज हल्द्वानी में बीए प्रथम वर्ष में निर्विरोध संयुक्त सचिव बने।
कोश्यारी की प्रेरणा ले की बीजेपी ज्वॉइन
1980 से राजनीति जीवन की शुरुआत करने के बाद उन्होंने 2006 में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की प्रेरणा पर भाजपा ज्वॉइन की थी। इसके बाद वो 2007, 2012 और 2017 में लगातार तीन बार विधायक चुने गए थे। तीसरी बार वह 15 हजार वोट के अंतर से जीते थे। चौथी बार विधायक बनने के बाद उन्हें परिवहन मंत्री का पदभार दिया गया। जहां एक ओर चंदन राम दास मृदभाषी थे तो वहीं दूसरी ओर राजनीति में इनकी अच्छी पकड़ थी।