Hardoi: कहते हैं ‘जहाँ चाह, वहाँ राह’ यह कहावत कहती है कि यदि वास्तव में कोई कुछ हासिल करना चाहता है, तो वह इसे प्राप्त करने के तरीके खोजता रहेगा और अंत में सफल होकर ही रहेगा। इसी कहावत को हरदोई के एक बुजुर्ग शफीक ने चरितार्थ कर दिखाया है। शफीक ने अपनी मेहनत और लगन के चलते ई-साइकिल तैयार की है। शफीक ने पेट्रोल के बढ़ते दामो से परेशान होकर एक साइकिल खरीदी थी लेकिन बढ़ती उम्र के साथ साइकिल में पैडल मारना भी मुश्किलों भरा गया।
शफीफ जब पैडल मारने में अस्वस्थ हो रहे थे तो वे ई-साईकल की ओर गए लेकिन ई-साईकल को खरीदने में मोटी रकम लग रही थी जिसे वे खरीद नहीं सकते। फिर उनके दिमाग में इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने का आईडिया आया जिसके बाद शफीक ने नई इलेक्ट्रिक साइकिल के निर्माण के लिए समान जुटाना शुरू कर दिया। शफीक के पास समान आने के बाद ई-साइकिल को बनाकर तैयार कर दिया।
यह साइकिल अन्य लोगों की अपेक्षा में काफी तेज चलती है। इसमें एक मोटर भी फिट है साथ ही इस इलेक्ट्रिक साइकिल में एक लिथियम बैटरी को भी लगाया गया है। शफीक की मेहनत और लगन से इलेक्ट्रिक साइकिल बनकर तैयार हो गई है जो कि शहर से लेकर गांव तक में चर्चा का विषय बनी हुई है। सफीक जब इलेक्ट्रिक साइकिल लेकर सड़कों से निकलते हैं तो हर कोई शफीक को देखकर दंग रह जाता है।वह जहां रुक जाते हैं वहां लोगों की भीड़ एकत्र हो जाती है और साइकिल के बारे में जानकारी लेते हैं।
25 किलोमीटर प्रति घंटा है स्पीड
शफीक ने बताया, उन्होंने इलेक्ट्रिक साइकिल के बारे में सुना था जिसके बाद उनके द्वारा यूट्यूब पर देख कर इलेक्ट्रिक साइकिल को बनाने में प्रयोग होने वाली वस्तुओं को देखा साथ ही निर्माण का तरीका भी जाना । सफीक द्वारा ई-साइकिल के निर्माण के लिए मध्य प्रदेश से लिथियम बैट्री व मोटर को मंगवाया जिसके बाद उन्होंने बैटरी और मोटर का उपयोग कर साइकिल को ई-साइकिल बना डाली।
उनकी इलेक्ट्रिक साइकिल एक बार चार्ज होने पर लगभग 30 किलोमीटर चलती है। जिसकी स्पीड लगभग 25 किलोमीटर प्रति घंटा है। साइकिल के निर्माण में लगभग 25000 का खर्च करने पड़े हैं। साइकिल तैयार होने के बाद शहर से गांव गांव से शहर आने जाने में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता है। साइकिल में सॉकर ना होने की वजह से किसी दूसरे व्यक्ति को इस पर नहीं बैठा सकते हैं।