हरियाणा के जींद जिले के छोटे से गांव बीबीपुर से शुरू हुआ सेल्फी विद डॉटर अभियान जहां समूचे विश्व में पहुंच चुका है वहीं इस अभियान के संस्थापक सुनील जागलान पहले ऐसे भारतीय बने हैं जिन्हें अमरीका के प्रतिष्ठित न्यूयार्क टाइम्स समाचार पत्र ने महिला सुरक्षा पर काम करने पर भारतीय एक्टिविस्ट के रूप में मान्यता दी है।
सुनिल जागलान ने सेल्फी विद डॉटर या की शुरूआत वर्ष 2015 से की थी। यह अभियान भारत के अलावा कनाडा, नेपाल, अमेरिका समेत कई देशों में प्रचलित हो चुका है। इस अभियान के साथ इस समय लाखों की संख्या में लोग जुड़ चुके हैं। सुनील जागलान महिला अधिकारों के मामले में काम करने वाले पहले ऐसे भारतीय एक्टिविस्ट हैं जिन्होंने महिला उत्थान को लेकर अब तक सौ अभियान चलाए हैं।
इनमें सेल्फी विद डॉटर, पीरियड चार्ट, लाडो पंचायत, लाडो स्वाभिमान उत्सव, गाली बंद घर आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। सुनील जागलान भारत के पहले ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिनके द्वारा शुरू किए गए अभियानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यक्रम मन की बात व अन्य कार्यक्रमों में सात बार शामिल कर चुके हैं। किसी एक ही विषय पर 100 अभियान चलाने का रिकार्ड भी सुनील जागलान के नाम है। उनके द्वारा किए गए कार्यों को लेकर फिल्म सनराइज भी बन चुकी है।
न्यूयार्क टाइम्स के मुख्य पृष्ठ पर आने वाले पहले भारतीय बने सुनिल
सुनील जागलान के इन्हीं अभियानों की गुंज अब सात समंदर पार भी हो गई जागलान द्वारा किए जा रहे कार्यों को अमेरिका के प्रतिष्ठित समाचार पत्र न्यूयार्क टाइम्स ने आज अपने मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित किया है।
इस अखबार ने जागलान द्वारा आयोजित की गई लाड़ो पंचायत, बेटियाँ के नाम पर नेम प्लेट लगाने की परंपरा आदि को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। अबखार ने भारत में महिलाओं के मामले में सामाजिक क्रांति लाने का श्रेय सुनील जागलान को दिया है। अखबार ने दिव्यांग लड़कियों को लेकर शुरू किए गए सेल्फी अभियान का विशेष उल्लेख करते हुए कहा है कि जागलान ने दिव्यांग बेटियों की सामाजिक सुरक्षा को लेकर जो अभियान शुरू किया है उससे भारतीय दिव्यांग लड़कियों के सम्मान में वृद्धि हुई है। इस अभियान से भारतीय दिव्यांग लड़कियां सामाजिक व मानसिक रूप से खुद को मजबूत मान रही हैं।