बिजनौरः पुलिस हमेशा शहर, प्रदेश की सुरक्षा के लिए तत्पर रहती है, लेकिन पुलिस की कार्यप्रणाली पर लोग हमेशा सवाल उठाते रहते हैं। फिर भी वे अपने कर्तव्य से हट कर भी कार्य करते हैं जिसकी सराहना कहीं देखने को मिलती है तो कहीं उसे उनका कर्तव्य है कह कर टाल देते हैं। उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक कोतवाल ने कुछ ऐसा किया कि अब वह अन्य पुलिस वालों के लिए एक मिसाल बन गए हैं। जिस शानदार पुलिसिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कोतवाल ने जब कांवड़ ले जाते पिता-पुत्र को थका हुआ देखा तो उन्हें अपनी सरकारी गाड़ी में बैठाया। फिर अपने कंधे पर उनकी कांवड़ लेकर करीब 3 किलोमीटर तक चले। उनके पीछे-पीछे कोतवाल की गाड़ी चलती रही।
देर रात नगीना हाईवे-74 पर धामपुर थाने के कोतवाल अनुज तोमर पुलिस बल के साथ कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए गस्त कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने हरिद्वार से गंगाजल लेकर आ रहे पिता-पुत्र को देखा। वे दोनों कांवड़ लेकर बरेली जा रहे थे। वे इतना ठक चुके थे कि उनसे चला भी नहीं जा रहा था। उन्हें इस हाल में देखकर कोतवाल उनके पास पहुंचे और उन दोनों से हाल चाल जाना।
इसकी बाद वह उनकी कांवड़ को अपने कंधे पर रखकर पैदल धामपुर की ओर चल दिए। यह नजारा देख सड़क पर चलते किसी राहगीर ने उनका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। अब लोग लोग सोशल मीडिया पर जमकर कोतवाल की तारीफ कर रहे हैं। बताया जा रहा है की कांवड़िया बरेली के बारादरी का रहने वाला है।
पिता-पुत्र की जोड़ी ने कोतवाल को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि हम लोग काफी थक चुके थे। इस दौरान कोतवाल साहब ने हमारी मदद की। उन्होंने हमारी कांवड़ तीन किमी तक उठाई। हम लोगों को जलपान भी कराया है। उन्होंने हमारा पूरा सहयोग किया है।
3 किमी पैदल चले कांवड़ लेकर
धामपुर कोतवाल अनुज तोमर ने बताया कि जब वह अपनी टीम के साथ देर रात को गस्त पर थे। तभी उन्होंने दोनों पिता पुत्र कांवड़ लिए आटे हुए देखा। वे थके हारे दिख रहे थे। उन्होंने जाकर पूछा कि भोले क्या मैं आपकी कुछ मदद कर सकता हूं। मैं कुछ दूर तक आपकी कांवड़ उठाऊ उठाऊं तो आपको कोई दिक्कत तो नहीं होगी। भोले की सहमति पर वह तिवड़ी बॉर्डर से धामपुर साईं मंदिर तक लगभग तीन किलोमीटर कांवड़ कंधे पर लेकर चले। दोनों पिता पुत्र को गाड़ी में बैठा कर मंदिर तक छोड़ दिया।