हल्द्वानी: उत्तराखंड को सेना के जवानों के नाम से भी जाना जाता है। आज उत्तराखंड की बेटियां भी सेना में जाने के लिए उत्साहित है। और कई युवतियां सेना में अधिकारी भी है। वहीं हल्द्वानी की गीतांजलि बगड़वाल सेना में लेफ्टिनेंट बनी है। गीतांजलि बगड़वाल ने बीएससी नर्सिंग की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सेना की तैयारी शुरू की और कठिन परिश्रम से उन्होंने यह सफलता हासिल की है। उन्हें एयरफोर्स कमांड हॉस्पिटल बेंगलुरु में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया गया है।
गीतांजलि ने अपनी मेहनत और लगन से एक नई ऊंचाई हासिल की है। उनकी सफलता यह साबित करती है कि कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प से हर लक्ष्य को पाया जा सकता है। गीतांजलि ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मोहनलाल शाह बाल विद्या मंदिर नैनीताल से दसवीं और बारहवीं की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी से बीएससी नर्सिंग का चार साल का कोर्स पूरा किया। पढ़ाई में होनहार गीतांजलि ने बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उत्तराखंड की CHO भर्ती में 12वीं रैंक हासिल की, जिसके बाद उन्हें मंगोली नैनीताल में तैनाती मिली।
गीतांजलि ने लगभग चार महीने CHO के रूप में अपनी सेवाएं भी दीं। इसके अतिरिक्त उन्होंने एम्स में भर्ती परीक्षा पास की और सेना के लिए MNS नर्सिंग ऑफिसर की परीक्षा भी उत्तीर्ण की। अपने ताऊ कुबेर बिष्ट की प्रेरणा से गीतांजलि ने सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित होकर अपनी सफलता की नई कहानी लिखी है। पासिंग आउट परेड के बाद उन्हें एयर फोर्स कमांड हॉस्पिटल बेंगलुरु में तैनाती मिली है। परिवार में उनकी इस उपलब्धि पर बेहद खुशी का माहौल है और गीतांजलि अपने क्षेत्र में प्रेरणा का श्रोत बन गई है।