कई ऐतिहासिक फैसलों में शामिल रहे हैं यू.यू.ललित
न्यायधीश यू.यू.ललित ललित सुप्रीम कोर्ट के कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं। अगस्त 2017 में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 3-2 के बहुमत से तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। उन तीन न्यायाधीशों में जस्टिस यू.यू ललित भी शामिल थे। इसी तरह कुछ दिन पहले रमन्ना ने यह टिप्पणी की थी जब हमारे बच्चे सुबह 7 बजे स्कूल जा सकते हैं तो हम 9 बजे कोर्ट क्यों नहीं आ सकते हैं।
एक अन्य अहम फैसले में जस्टिस ललित की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था कि त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार के पास केरल में ऐतिहासिक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन का अधिकार है।
इसी तरह न्यायधीश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत एक मामले में बंबई उच्च न्यायालय के ‘त्वचा से त्वचा के संपर्क’ संबंधी विवादित फैसले को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यौन हमले का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा यौन मंशा है, बच्चों की त्वचा से त्वचा का संपर्क मायने नहीं रखता है।
- जस्टिस यूयू ललित काला हिरण शिकार मामले में अभिनेता सलमान खान की पैरवी कर चुके हैं.
- भ्रष्टाचार मामले में वे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की भी पैरवी कर चुके हैं.
- सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति फर्जी एनकाउंटर मामले में वे अमित शाह का पक्ष रख चुके हैं.
- इसके अलावा पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह की भी जन्मतिथि केस में भी वे पैरवी कर चुके हैं.
27 अगस्त को पदभार ग्रहण करेंगे नए न्यायधीश
मौजूदा मुख्य न्यायधीश एन.वी.रमना के सेवानिवृत्त होने के बाद 27 अगस्त को भारत के 49 वें मुख्य न्यायधीश शपथ लेंगे। अगर न्यायधीश यू.यू.ललित के नाम पर मुहर लगती है तो वह अगले मुख्य न्यायधीश बनेंगे। नौ नवंबर, 1957 को जन्मे न्यायधीश ललित ने जून 1983 में एक वकील के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था और दिसंबर 1985 तक बम्बई उच्च न्यायालय में वकालत की थी। इसके बाद वह जनवरी 1986 में दिल्ली आकर वकालत करने लगे और अप्रैल 2004 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सुनवाई के लिए उन्हें केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था। न्यायधीश यू.यू. ललित आठ नवंबर, 2022 को रिटायर होंगे।